
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की उसके पति ने भाई के साथ मिलकर गोली मारकर की हत्या |
छेड़खानी पर देवर को मारा था थप्पड़ |
प्रयागराज : नीवाँ गांव में प्रीती भारती की गोली मारकर हत्या कर दी गई |
हत्या के बाद उसके नाबालिक पुत्र ने पुलिस को जो बताया उसे सुनकर हर कोइ हथप्रभ रह गया |
उसने रोते हुए इंस्पेक्टर अमरनाथ राय व नीवाँ चौकी प्रभारी निखिल यादव से बताया
कि जब वह पीछे के रास्ते भागता हुआ कमरे के पास पहुंचा तो चाचा दीपक दरवाजे पर ही खड़े थे |
उनके हांथ में बड़ा सा चाकू था |
पापा के हांथ में तमंचा था |
चाचा राकेश भी वहीं पर थे |
सामने कमरे में मम्मी जमीन पर पड़ी थी |
हर तरफ खून फैला था यह देखकर वह डर गया |
वह रोने लगा, जिस पर चाचा दीपक ने एक हांथ से उसका मुँह दबाते हुए बोला कि चुप रहो, वर्ना मार दूँगा |
चाचा ने बोला कि अपनी बहन से भी कह देना पुलिस के सामने मुह खोला तो जिंदा नहीं बेचेगी |
इस दौरान पापा उसे एकटक देख रहे थे |
दोनों चाचा पापा से भागने को कह रहे थे |
चाचा राकेश ने हांथ पकड़कर पापा को घसीटा और फिर तीनों लोग वहां से भाग निकले |
उसने पुलिस को यह भी बताया कि चाचा दीपक उसकी मम्मी को हमेशा जान से मारने की धमकी देते थे |
कहते थे कि बहुत बोलती हो एक दिन तुमको मार डालेंगे |
कोई कुछ नहीं कर पाएगा | मम्मी हमेशा उनकी धमकी का जबाव देती थी जिससे दोनों चाचा मम्मी से बात नहीं करते थे |
मम्मी जब भी यह बात पापा से कहकर अपने भाइयों को समझाने को कहती तो पापा मम्मी को ही फटकारते | बोलते की तुम चुप रहो |
प्रीती की हत्या के बाद मुहल्ले के लोग भी हतप्रभ है | आसपास के रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि प्रीती का अपने देवर से अक्सर झगड़ा होता था ,
लेकिन इसके पीछे कारण क्या था , उनको नहीं पता |
पति करता था शक , बच्चों संघ कटघर में किराये पर रहती थी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रीती भारती |
Preeti की हत्या अचानक नहीं हुई, बल्कि पूरी साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया है |
उसका पति उस पर शक करता था और अपने भाइयों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची इसके बाद वहीं हुआ जो तय किया गया था
इसके लिए चाकू व तमंचा की व्यवस्था भी आरोपित ने पहले से ही कर रखी थी फॉरेंसिक टीम ने भी जांच पड़ताल की है |
पारिवारिक विवाद के कारण प्रीती करीब एक वर्ष से कटघर में कमरा लेकर बच्चों के साथ रहती थी |
उसका पति उस पर शक कर्ता था कि वह किसी से चोरी छुपे बात करती है
यही वजह थी कि घर में झगड़ा भी होता था जिस कारण प्रीती ने घर भी छोड़ दिया था
और अपने दोनों बच्चों को भी साथ रखा था |
वह नीवाँ गांव में घर तभी आती थी जब पोषाहार बाटना होता था यानी माह के प्रथम सप्ताह में वह घर जरूर आती थी
और एक दो दिन वहां रुकने के बाद वह चली जाती थी | शुक्रवार को दोनों बच्चों को लेकर वह आयी पोषाहार का वितरण किया |
शनिवार सुबह भी पोषाहार वितरण किया और शाम को बच्चों को लेकर निकलने वाली थी
कि पति ने उसे रोक लिया पति द्वारा बार बार कहने पर वह रुक गयी |
क्या पता था कि उसके पति Rajesh के मन में क्या चल रहा है
जब देर रात दोनों बच्चे सो गए तो उसने अपने दोनों भाइयों को बुलाया और
फिर गोली मारकर प्रीती की निर्मम हत्या कर दी |
पुलिस की माने तो जिस प्रकरण घटना हुई है उससे यह साफ है कि
राकेश ने अपने दोनों भाइयों Rakesh व Deepak के साथ मिलकर पहले ही साजिश रच लिया था |